हर बार कुछ अधूरा- सा रह जाता है
कुछ न कुछ जरूर बिखरा सा पाया जाता है
हर आस में विश्वास तो होता है
पर उसे पूरा करने पर भी कुछ अधूरा सा रह जाता है।
वो अधूरापन फिर मुझे खटकता है
यहीं तो इंसान भटकता है
माना कि सब के पास कुछ न कुछ कमी है
आसमां के पास भी कहाँ ज़मींहै।
पर जाना मैंने कोशिश ही पूरी कहाँ की है
क्या पता वो कोशिश सब कुछ बदल देती
वो कुछ अलग ही रंग लाती
आसमां को शायद ज़मीं मिल जाती।
यह आदत नई नहीं पुरानी ही है, बस ध्यान अभी गया है
सोचा तो बहुत कुछ जाता है, पर किया बस कुछ ही जाता है
हर रोज़ एक नया सवेरा आता है, पर नादानी के अंधेरे में बस कहीं गुम सा हो जाता है…
फिर वह नादान मन ही मन उसे खोकर पछताता है।
इस अंधेरे में एक दीप जलाना है
कुछ रास्तों को फिर से आज़माना है
मंजिलों को हासिल कर, खुद को खुद की ही नज़रों में उठाना है…
बस उस अधूरेपन को मिटाना है, सपनों को हक़ीक़त में बदल कर दिखाना है।।
ENGLISH TRANSLATION
Every time something remains incomplete,
Something is definitely found scattered
There is faith in very hope
But even after completing it, something remains incomplete.
Then that incompleteness pains me again
This is where man wanders
Yes I know everyone has something missing
Even the sky doesn’t have land.
But I got to know that even I didn’t try completely
May be that effort would have changed everything
It might have brought different result
The sky might have got the ground.
This habit is not something new, just the attention has gone now
A lot of plans are made in mind, but in reality little is done
Every day a new dawn comes, but in the darkness of ignorance, it just gets lost somewhere…
Then that ignorant heart regrets losing it.
Now I need to light a lamp in this darkness
I have to try some routes again
By achieving the destinations, I have to raise myself in my own eyes..
Just to erase that incompleteness, I have to turn the dreams into reality