दस्तूर है!! दस्तूर है!! बोल के निकल पड़ो,
लौटो पैरों पे कंधों पे नहीं,
पियो मगर मैख़ानों में मत जियो;
कभी टूटते वादों के लिए,
तो कभी दोस्ती के नाम प्यालों से ही सही,
पियो मगर मैख़ानों में मत जियो;
होती रहती हैं घटनाएँ – दुर्घटनाएँ ज़िन्दगी-ए-सफ़र में,
भूलोगे तुम सभी, कभी ना कभी,
पियो मगर मैख़ानों में मत जियो;
जो लौटता है वो लौटेगा,
छोड़ चुका जो उसके नाम क्यों पियो,
चलो!! पी लो ज़रा मगर मैख़ानों में मत जियो;
अब बोलना मत! होते हैं इक़रार नशे में ही,
आँख चुरा बोलते हैं झूठे भी,
खोल बोतल तुम उसी में मत बंद हो जाओ,
जी लो थोड़ा मैख़ानों में मत पियो;
पता है!! इरादों को जीभ पे बैठा देगी,
ये बोतल बड़ी कम-ज़र्फ़, हर मुसाफिर को अपना बना देगी,
ज़माने की बातों को इतना भी ज़िन्दगी में मत सियो,
मत पियो इतना की मैख़ानों में ही जियो |
Glossary
1. Dastur: According to custom; according to rule or common practice; in the usual manner, as usual, as before.
2. Maikhaana (In plural Maikhanon): Pub, Tavern.
3. Pyaala: Here means cup, Generally coloquially used for anything in which beverage is served.
4. Ghatnaaen: Occurences
5. DurGhatnaen: Mishappening
6. Zindagi-e-safar: Journey of life
7. Kam-zarf: Poor-spirited, zarf means beauty or capability or elegance; kam means lacking; it is used as a word of contempt
Example,
kaise band hua maikhana ab malum hua
pī na saka kam-zarf zamana ab malum hua
8. Musafir: Traveller, Wayfarer, Temporary Soujourner
Example,
Musafir hain ham bhi musafir ho tum bhi
kisī mod par phir mulaqāt hogi
9. Zamaanaa: Age, period, season. Colloquially used to refer to society. The word conceptualizes society as a period which is to say that there is no single ever-lasting and unified conception of ‘society and its ways’.